
Middle school हरैली में “सुरक्षित शनिवार” के अवसर पर अग्नि सुरक्षा जागरूकता और बचाव के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूल के युवा क्लब (Youth Club) और इको क्लब (Eco Club) के छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया गया। इस पहल का नेतृत्व सहयोगी शिक्षक विजय कुमार पासवान, रूबी कुमारी और राकेश कुमार ने किया। नीचे इस कार्यक्रम का विस्तृत विवरण दिया गया है:
कार्यक्रम का विवरण:
1. उद्देश्य:-
अग्नि सुरक्षा जागरूकता:- छात्रों को आग लगने की स्थिति में बचाव के तरीकों और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करना।
प्रशिक्षण और तैयारी:- युवा क्लब और इको क्लब के छात्रों को आपातकालीन स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए तैयार करना।
**पर्यावरण और सुरक्षा का संदेश इको क्लब के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सुरक्षा के महत्व को जोड़ना।
छात्रों में नेतृत्व और जिम्मेदारी का विकास : इस तरह के आयोजनों से छात्रों में नेतृत्व की भावना और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना।
2. आयोजन का स्थान और समय
स्थान : मध्यमिक विद्यालय हरैली, जो बिहार के किसी जिले में स्थित है (विशिष्ट जिला स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह मधेपुरा जिले के निकट हो सकता है, जैसा कि पहले के संदर्भों से अनुमानित है)।
**समय**: यह आयोजन “सुरक्षित शनिवार” के दिन आयोजित किया गया, जो स्कूलों में सुरक्षा गतिविधियों के लिए एक निर्धारित दिन होता है। आज की तारीख 26 अप्रैल 2025 को शनिवार है, और समय रात 10:46 बजे IST है, इसलिए यह आयोजन दिन में पहले हुआ होगा।
3. आयोजक और सहभागी
स्कूल के युवा क्लब और इको क्लब के सदस्य, जिसमें मध्यमिक स्तर (कक्षा 6 से 8) के छात्र-छात्राएँ शामिल थे।
इन क्लबों में सक्रिय छात्रों को विशेष रूप से चुना गया, क्योंकि वे सामाजिक और पर्यावरणीय गतिविधियों में पहले से ही सक्रिय थे।
4. प्रशिक्षण की गतिविधियाँ
जागरूकता सत्र
छात्रों को आग लगने के कारणों (जैसे शॉर्ट सर्किट, रसोई में लापरवाही, पटाखों का गलत उपयोग आदि) के बारे में बताया गया।
आग से बचाव के उपायों, जैसे ज्वलनशील पदार्थों को सुरक्षित रखना और बिजली के उपकरणों का सही उपयोग, पर चर्चा की गई।
प्रायोगिक प्रशिक्षण
अग्निशमन उपकरणों का उपयोग : छात्रों को अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) के उपयोग की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि विभिन्न प्रकार की आग (जैसे बिजली से लगी आग, तेल से लगी आग) को बुझाने के लिए अलग-अलग अग्निशामक यंत्रों का उपयोग कैसे करना है।
मॉक ड्रिल : एक नकली अग्नि आपदा परिदृश्य बनाकर छात्रों को निकासी (Evacuation) की प्रक्रिया सिखाई गई। इसमें स्कूल भवन से सुरक्षित बाहर निकलने और खुले मैदान में एकत्र होने का अभ्यास कराया गया।
सुरक्षा नियमों की जानकारी:
छात्रों को सिखाया गया कि आग लगने की स्थिति में घबराना नहीं चाहिए, बल्कि शांत रहकर निकटतम सुरक्षित निकास द्वार की ओर बढ़ना चाहिए।
धुएँ से बचने के लिए जमीन के पास रेंगने और गीले कपड़े से नाक-मुँह ढकने की सलाह दी गई।
**इको क्लब की भूमिका**:
इको क्लब के छात्रों ने पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अग्नि सुरक्षा पर जोर दिया, जैसे जंगल की आग से बचाव के लिए जागरूकता और पेड़-पौधों की सुरक्षा।
उन्होंने कचरे को जलाने से होने वाली आग के खतरों के बारे में भी बताया।
5. छात्रों की भूमिका
युवा क्लब : इस क्लब के छात्रों ने अग्नि सुरक्षा के लिए नेतृत्वकारी भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सहपाठियों को संगठित किया और मॉक ड्रिल में सक्रिय भाग लिया।
**इको क्लब**: इस क्लब के छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण के साथ अग्नि सुरक्षा को जोड़ा। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि स्कूल परिसर में कोई ज्वलनशील कचरा न जमा हो।
दोनों क्लबों के छात्रों ने मिलकर एक पोस्टर और नारा प्रतियोगिता भी आयोजित की, जिसमें अग्नि सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के संदेश दिए गए।
6. **प्रशिक्षण का प्रभाव**:
**जागरूकता में वृद्धि**: छात्र अब आग से संबंधित खतरों और बचाव के उपायों से परिचित हो गए हैं।
**आपातकालीन तैयारी**: मॉक ड्रिल के माध्यम से छात्रों ने आपात स्थिति में शांत रहने और सुरक्षित निकलने की प्रक्रिया सीखी।
**सामुदायिक प्रभाव**: छात्रों ने अपने परिवार और आसपास के समुदाय में अग्नि सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
**पर्यावरण संरक्षण**: इको क्लब के प्रयासों से छात्रों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना बढ़ी।
7. **चुनौतियाँ और समाधान**:
**चुनौती**: कुछ छात्रों को शुरू में मॉक ड्रिल के दौरान डर या घबराहट हुई।
**समाधान**: शिक्षकों ने उन्हें प्रोत्साहित किया और बार-बार अभ्यास कराकर आत्मविश्वास बढ़ाया।
**चुनौती**: स्कूल में सीमित अग्निशामक यंत्र उपलब्ध थे।
**समाधान**: शिक्षकों ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर भविष्य में अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
8. **आगे की योजना**:
स्कूल प्रशासन ने भविष्य में नियमित रूप से इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित करने का निर्णय लिया।
स्थानीय अग्निशमन विभाग से संपर्क कर एक विस्तृत कार्यशाला आयोजित करने की योजना बनाई गई।
स्कूल में एक स्थायी अग्नि सुरक्षा समिति बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें युवा क्लब और इको क्लब के छात्र शामिल होंगे।
निष्कर्ष:-
Middle school हरैली में आयोजित यह अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण एक सफल पहल थी, जिसमें सहयोगी शिक्षक विजय कुमार पासवान, रूबी कुमारी और राकेश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही। युवा क्लब और इको क्लब के छात्रों ने न केवल अग्नि सुरक्षा के बारे में सीखा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक जागरूकता में भी योगदान दिया। इस तरह के आयोजन स्कूलों में सुरक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कदम हैं।