बिहार शिक्षा शोध प्रशिक्षण संस्थान (SCERT), पटना के निर्देश पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) अभिषेक कुमार के नेतृत्व में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET), मधेपुरा में 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण शिक्षकों और शिक्षा से जुड़े अधिकारियों के कौशल विकास और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।

प्रशिक्षण का विवरण:

1. **आयोजन का उद्देश्य**:

   – यह प्रशिक्षण समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों को नवीन शिक्षण तकनीकों, पाठ्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन, और छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित किया गया।

   – इसका मुख्य फोकस प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के शिक्षकों को गणितीय कौशल, भाषा विकास, और बुनियादी शिक्षा में दक्षता बढ़ाने पर था।

   – प्रशिक्षण में डिजिटल शिक्षा, समावेशी शिक्षा, और बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया गया।

 2. **आयोजन का स्थान और अवधि**:

   – **स्थान**: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET), मधेपुरा, बिहार।

   – **अवधि**: यह एक 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण था, जिसमें प्रतिभागियों को पूरे समय संस्थान में रहकर प्रशिक्षण लेना था।

 3. आयोजक और नेतृत्व

   आयोजक बिहार शिक्षा शोध प्रशिक्षण संस्थान (SCERT), पटना।

   नेतृत्व– जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) अभिषेक कुमार ने इस प्रशिक्षण की देखरेख की।

   – अन्य सहायक कर्मचारी और प्रशिक्षक भी शामिल थे, जिनमें DIET के प्राचार्य और अनुभवी शिक्षक-प्रशिक्षक शामिल थे।

 4. प्रतिभागी

   – प्रतिभागियों में नवचयनित शिक्षक और अनुभवी शिक्षक दोनों शामिल थे, ताकि सभी को समान रूप से लाभ मिल सके।

 5. प्रशिक्षण की मुख्य गतिविधियाँ

   दैनिक सत्र– प्रशिक्षण में प्रतिदिन सुबह से शाम तक सत्र आयोजित किए गए। इनमें सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों तरह के सत्र शामिल थे।

   – **गणितीय कौशल और भाषा विकास**: कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए गणितीय कौशल और बुनियादी भाषा विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। शिक्षकों को टूल्स और तकनीकों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।

              प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाजिरी ली गई,       ताकि उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।

    **प्रायोगिक कार्य– शिक्षकों को समूहों में बाँटकर विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जैसे बेसलाइन टेस्ट, बच्चों के आँकड़ों का संधारण, और दक्षता प्राप्ति के लिए रणनीति बनाना।

    डिजिटल शिक्षा:- शिक्षकों को डिजिटल संसाधनों का उपयोग करने और ऑनलाइन शिक्षण पोर्टल पर डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया सिखाई गई।

 6. **प्रशिक्षण की विशेषताएँ-

    **आवासीय व्यवस्था:- प्रतिभागियों के लिए DIET परिसर में रहने और भोजन की व्यवस्था की गई थी, ताकि वे बिना किसी बाधा के प्रशिक्षण पर ध्यान दे सकें।

    **प्रमाणपत्र**: प्रशिक्षण पूरा होने पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया, जो उनकी उपस्थिति और सक्रिय भागीदारी पर आधारित था।

    **सख्त अनुशासन**: प्रशिक्षण के दौरान अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया गया। अनुपस्थित रहने या नियमों का पालन न करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

7. **प्रशिक्षण का प्रभाव-

    इस प्रशिक्षण से शिक्षकों को नई शिक्षण तकनीकों का ज्ञान प्राप्त हुआ, जिससे वे अपने स्कूलों में बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बना सकेंगे।

   – समग्र शिक्षा अभियान के तहत बच्चों के बुनियादी कौशलों में सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम था।

   – शिक्षकों को डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने में दक्षता प्राप्त हुई, जो भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा और डेटा प्रबंधन में सहायक होगी।

 8. **चुनौतियाँ और समाधान**:

   – प्रशिक्षण के दौरान कुछ तकनीकी समस्याएँ, जैसे डेटा अपलोड में कठिनाई, सामने आईं। इसके लिए अतिरिक्त तकनीकी सहायता प्रदान की गई।

 9. **आगे की योजना**:

   – प्रशिक्षण के बाद, शिक्षकों को अपने स्कूलों में इन तकनीकों को लागू करने और बच्चों के प्रदर्शन की निगरानी करने का निर्देश दिया गया।

   – जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा समय-समय पर फॉलो-अप सत्र आयोजित करने की योजना बनाई गई, ताकि प्रशिक्षण का प्रभाव लंबे समय तक बना रहे।

 निष्कर्ष:

यह 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण मधेपुरा जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अभिषेक कुमार के नेतृत्व में आयोजित इस प्रशिक्षण ने शिक्षकों को नई ऊर्जा और कौशल प्रदान किया, जिससे वे अपने स्कूलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। बिहार शिक्षा शोध प्रशिक्षण संस्थान, पटना के इस तरह के प्रयास राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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