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पीएम पोषण योजना क्या है?

पटना,प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN Yojana), जिसे पहले मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) के नाम से जाना जाता था, भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मुफ्त में पौष्टिक भोजन प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करना, स्कूल में उनकी उपस्थिति बढ़ाना और शिक्षा के साथ-साथ उनके शारीरिक व मानसिक विकास को बढ़ावा देना है। PM POSHAN Yojana को 2021 में लॉन्च किया गया, और यह 2021-26 तक लागू रहेगी।

 पीएम पोषण योजना के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह समझेंगे कि यह बिहार में क्यों महत्वपूर्ण है। यह लेख SEO-अनुकूल है और सामान्य पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है।


पीएम पोषण योजना क्या है?

PM POSHAN Yojana एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसके तहत स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल के कार्यदिवसों में मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह योजना 1995 में शुरू हुई मध्याह्न भोजन योजना का उन्नत संस्करण है। इसका नाम बदलकर PM POSHAN (Prime Minister’s Overarching Scheme for Holistic Nourishment) किया गया है, जो बच्चों के समग्र पोषण और विकास पर जोर देता है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

  1. लक्षित समूह: कक्षा 1 से 8 तक के बच्चे (6-14 वर्ष की आयु) जो सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, विशेष प्रशिक्षण केंद्रों और मदरसों में पढ़ते हैं।
  2. पौष्टिक भोजन: बच्चों को प्रति दिन कम से कम 450-700 कैलोरी और 12-20 ग्राम प्रोटीन युक्त भोजन प्रदान किया जाता है। मेन्यू में चावल, दाल, सब्जियां, फल, और कभी-कभी दूध शामिल होता है।
  3. विस्तार: देशभर के 11.8 लाख स्कूलों में 11.80 करोड़ बच्चों को लाभ मिलता है।
  4. नए जोड़:
    • कुपोषण की निगरानी: बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच और कुपोषण की पहचान के लिए विशेष प्रावधान।
    • स्थानीय उत्पादों का उपयोग: भोजन में स्थानीय अनाज जैसे बाजरा (मिलेट्स) को शामिल करना।
    • स्वच्छता और गुणवत्ता: भोजन की गुणवत्ता और रसोई की स्वच्छता पर सख्त निगरानी।
    • कम्युनिटी भागीदारी: माता-पिता और स्थानीय समुदाय को योजना के संचालन में शामिल करना।
  5. डिजिटल निगरानी: योजना की प्रगति को ट्रैक करने के लिए डिजिटल डैशबोर्ड और मोबाइल ऐप्स का उपयोग।
  6. वित्तीय योगदान: केंद्र और राज्य सरकारें लागत साझा करती हैं (60:40 अनुपात में, विशेष राज्यों के लिए 90:10)।

उद्देश्य


बिहार में PM POSHAN Yojana की आवश्यकता क्यों?

बिहार, भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में से एक है, जहां गरीबी, कुपोषण, और शिक्षा से संबंधित चुनौतियां व्यापक हैं। PM POSHAN Yojana बिहार में कई कारणों से महत्वपूर्ण है:

1. कुपोषण की उच्च दर

2. स्कूल ड्रॉपआउट दर को कम करना

3. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार

4. सामाजिक समानता को बढ़ावा

5. स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन

6. नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के साथ तालमेल


बिहार में PM POSHAN Yojana की चुनौतियां

हालांकि PM POSHAN Yojana बिहार के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां हैं:

  1. भोजन की गुणवत्ता: कई स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर शिकायतें मिलती हैं। उदाहरण के लिए, फरवरी 2025 में पटना में दाल में कीड़े होने के कारण 84 बच्चे बीमार हो गए।
  2. निगरानी की कमी: भोजन की मात्रा, गुणवत्ता, और वितरण की नियमित जांच के लिए प्रभावी तंत्र की जरूरत है।
  3. बुनियादी ढांचा: कई स्कूलों में रसोईघर और भंडारण की सुविधाएं अपर्याप्त हैं।
  4. जागरूकता: अभिभावकों और समुदाय को योजना के लाभों और उनकी भागीदारी के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है।
  5. वित्तीय बाधाएं: बिहार जैसे आर्थिक रूप से कमजोर राज्य के लिए योजना के लिए पर्याप्त धन आवंटन एक चुनौती है।

बिहार में PM POSHAN Yojana के हालिया अपडेट्स


निष्कर्ष

PM POSHAN Yojana बिहार के लिए एक वरदान है, जहां कुपोषण, गरीबी, और शिक्षा से संबंधित चुनौतियां व्यापक हैं। यह योजना न केवल बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करती है, बल्कि स्कूल में उनकी उपस्थिति, शिक्षा की गुणवत्ता, और सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देती है। हालांकि, भोजन की गुणवत्ता, निगरानी, और बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है। बिहार सरकार और केंद्र सरकार को मिलकर इन चुनौतियों का समाधान करना होगा ताकि यह योजना अपने उद्देश्यों को पूरी तरह प्राप्त कर सके।

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