प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग(PBL): शिक्षा का नया दृष्टिकोण

उदाकिशुंगंज, मधेपुरा में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा जा रहा है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) निर्मला कुमारी के नेतृत्व में हरैली मिडिल स्कूल का हालिया निरीक्षण इस बात का जीवंत प्रमाण है कि नवाचार और समर्पण से शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव संभव हैं। इस निरीक्षण के दौरान शिक्षिका प्रतिमा कुमारी द्वारा प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग (पीबीएल) के तहत पढ़ाए जा रहे पाठ ने न केवल बीईओ का ध्यान खींचा, बल्कि उनकी प्रशंसा भी हासिल की। उदाकिशुंगंज प्रखंड में पीबीएल कार्यक्रम की सफलता ने इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल के रूप में स्थापित किया है।

प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग( PB L ): शिक्षा का नया दृष्टिकोण

प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग (पीबीएल) एक ऐसी शिक्षण पद्धति है, जो पारंपरिक रटने वाली पढ़ाई से अलग, छात्रों को रचनात्मक और व्यावहारिक सीखने के अवसर प्रदान करती है। इस पद्धति में छात्र किताबों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि वे वास्तविक जीवन की समस्याओं पर आधारित प्रोजेक्ट्स के माध्यम से सीखते हैं।

निर्मला कुमारी की प्रेरणादायक भूमिका

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी निर्मला कुमारी ने हरैली मिडिल स्कूल के निरीक्षण के दौरान प्रतिमा कुमारी की शिक्षण शैली की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, “प्रतिमा जी का यह प्रयास न केवल छात्रों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह पूरे प्रखंड के लिए एक मिसाल है।” निर्मला कुमारी ने प्रखंड के सभी स्कूलों में पीबीएल को लागू करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में शिक्षक नई शिक्षण तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित हुए हैं, जिसका परिणाम आज हरैली मिडिल स्कूल जैसे संस्थानों में देखने को मिल रहा है।

पीबीएल(PBL) की सफलता के पीछे सामूहिक प्रयास

उदाकिशुंगंज प्रखंड में पीबीएल की सफलता केवल एक व्यक्ति का प्रयास नहीं है। इसके पीछे जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) सईद अंसारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) अभिषेक कुमार का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सईद अंसारी ने जिला स्तर पर इस कार्यक्रम को समर्थन प्रदान किया, शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ आयोजित कीं, और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए। वहीं, अभिषेक कुमार ने स्कूलों के साथ समन्वय स्थापित कर प्रशासनिक बाधाओं को दूर किया।

निर्मला कुमारी ने अपने निरीक्षण के दौरान सभी हेडमास्टर्स और शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें सभी ने अपने स्तर पर योगदान दिया है। हमारे शिक्षक और हेडमास्टर्स इस बदलाव के असली नायक हैं।” हरैली मिडिल स्कूल के हेडमास्टर ने भी इस अवसर पर अपनी खुशी व्यक्त की और बताया कि पीबीएल ने शिक्षकों और छात्रों दोनों में नई ऊर्जा का संचार किया है।

पीबीएल का प्रभाव: शैक्षणिक और सामाजिक बदलाव

पीबीएल का प्रभाव केवल शैक्षणिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं है। यह छात्रों में आत्मविश्वास, रचनात्मकता, और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है। इस तरह के प्रोजेक्ट्स से छात्र सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनते हैं और भविष्य के लिए बेहतर नागरिक बनने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

निर्मला कुमारी ने इस बात पर जोर दिया कि पीबीएल न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है। उन्होंने कहा, “आज की दुनिया में केवल किताबी ज्ञान पर्याप्त नहीं है। हमें ऐसे नागरिक चाहिए जो समस्याओं का सामना कर सकें और समाज के लिए योगदान दे सकें। पीबीएल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

भविष्य की योजनाएँ: पीबीएल का विस्तार

निर्मला कुमारी ने निरीक्षण के दौरान घोषणा की कि उदाकिशुंगंज प्रखंड में पीबीएल को और व्यापक रूप से लागू किया जाएगा। इसके लिए और अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा, और स्कूलों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। डीईओ सईद अंसारी ने इस दिशा में जिला स्तर पर समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उदाकिशुंगंज की यह पहल अन्य प्रखंडों के लिए भी प्रेरणा बनेगी।

डीपीओ अभिषेक कुमार ने बताया कि अगले कुछ महीनों में प्रखंड के सभी स्कूलों में पीबीएल पर आधारित कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी। इसके अलावा, छात्रों के प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रखंड-स्तरीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्र अपने नवाचारी विचारों को प्रस्तुत कर सकेंगे। यह प्रदर्शनी न केवल छात्रों को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों से अवगत कराएगी।

उदाकिशुंगंज: शिक्षा का नया केंद्र

उदाकिशुंगंज प्रखंड अब शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल के रूप में उभर रहा है। निर्मला कुमारी, सईद अंसारी, और अभिषेक कुमार के नेतृत्व में प्रखंड के स्कूल न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में अग्रसर हैं, बल्कि वे नवाचार और रचनात्मकता के नए मानक स्थापित कर रहे हैं।

 पीबीएल की सफलता उदाकिशुंगंज प्रखंड के लिए एक मील का पत्थर है। निर्मला कुमारी, सईद अंसारी, अभिषेक कुमार, और सभी शिक्षकों व हेडमास्टर्स के संयुक्त प्रयासों ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। यह पहल न केवल छात्रों के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उदाकिशुंगंज अब शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है, और पीबीएल जैसे नवाचारी कार्यक्रम इसे और भी मजबूत बना रहे हैं।

उदाकिशुंगंज, मधेपुरा: एमडीएम साधन सेवी संजय कुमार यादव ने हरैली मिडिल स्कूल का निरीक्षण किया, जिसमें मिड-डे मील योजना के सभी पहलुओं पर ध्यान दिया गया। इस दौरान बीईओ निर्मला कुमारी भी स्कूल पहुँचीं और दोनों ने मिलकर पोषण वाटिका का अवलोकन किया। ईको क्लब और यूथ क्लब के बच्चे वाटिका में साफ-सफाई और जल छिड़काव कर रहे थे। संजय कुमार यादव ने भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता की सराहना की, जबकि निर्मला कुमारी ने बच्चों के उत्साह को प्रेरणादायक बताया।

पोषण वाटिका बच्चों को ताजा और जैविक भोजन प्रदान करने के साथ-साथ पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा दे रही है। प्रखंड में इस तरह के कार्यक्रमों को और विस्तार देने की योजना है, जिसमें शिक्षक प्रशिक्षण और प्रदर्शनी शामिल हैं। यह पहल उदाकिशुंगंज को शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में एक मॉडल के रूप में स्थापित कर रही है।

               

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